The shiv chalisa in hindi Diaries
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...ॐ
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...ॐ